Sunday 6 November 2011

हर रात वो एक मायूस पहर आता है


 

खाली करने के बाद भी ये दिल
क्यों वक्त बेवक़्त यूँ भर आता है

बहा दिये सब जज़्बात तो फ़िर
क्यों अजनबी एक दर्द उभर आता है

चीखते चिल्लाते दौड़ते भागते वक्त में
क्यों कोई लम्हा अचानक ठहर जाता है

जश्न में डूबी हूँ, मैं भी तो दुनिया के साथ ही
फ़िर क्यों मुझसे खफ़ा, मेरा साया नज़र आता है

शोर सुनाकर बहलाती हूँ दिनभर मन की चुप्पी को
पर खोखले से लगते हैं अपने ही अल्फ़ाज़ जब 
हर रात वो एक मायूस पहर आता है

Friday 28 October 2011

तलाश...




♥ उसे खोना बेशक सह नहीं सकती… 
पर तलाश भी नहीं सकती यूँ बेकल होकर… 

आखिर खुद को तलाशने निकला है वो… 
शायद इस बार मुझे खोकर…♥

Tuesday 27 September 2011

कभी कभी कुछ तो...




कभी कभी कुछ तो 
कहने का मौका दिया करो..
 चुप रहकर मेरी ज़बाँ पर 
ताले ना लगा दिया करो ...

चाहती हूँ कर दूँ हर राह 
आसान तुम्हारी..
बस तुम यूँ ना मेरी राहें
मुश्किल किया करो...

Saturday 17 September 2011

♥ कुछ है जो छूटता ही नहीं…♥


कितनी भी कर लो कोशिश तुम, 
कुछ निशानों पर नहीं चलता बस वक़्त का…

तुम्हारा दामन ना सही, 
लेकिन बहुत कस के पकड़ा है मैंने वो पहलू वक़्त का…

Saturday 10 September 2011

कौन हो तुम, कहाँ हो तुम, मैं जानूँ ना...




कौन हो तुम, कहाँ हो तुम 
मैं जानूँ ना...

नहीं हो तुम, ना आओगे कभी
 ये मानूँ ना...

प्यार है नाम तुम्हारा
बस इतना ही तुम्हें जाना
और है यही सुना...

जोड़ कर और घटा कर
एक एक खट्टा-मीठा-कड़वा एहसास,
आखिर एक सपना सा है बुना...

बसी तो है एक तस्वीर मेरे मन में
पर कैसे दिखते हो तुम ये जानूँ ना...
रूठ कर लौट ना जाना जानेजाना
अब अगर मैं पहचानूँ ना…

Wednesday 31 August 2011

याद आती है मेरी?


हैरान होते थे मेरी बातों पर जब तुम 
और मैं मुस्कुराती थी हर बार तुम्हें चौंका कर

कभी जब दार्शनिक से बन जाते थे तुम
तो मैं सुना करती थी घन्टों मन्त्रमुग्ध होकर… :)


अब बादलों की तरह उडते हैं ख्यालात रोज़ मेरे कमरे में 
याद आती है मेरी? उन्हीं से पूछ्ती हूँ मैं बेचैन होकर

गुज़रे वक्त को छू लूँ किसी तरह ऐसी कोशिशें करती हूँ
जो अब नहीं हैं कहीं… तुम्हारे उन्हीं जादुई शब्दों में खोकर…



बस मन नहीं है


ये जो थोड़ी सी टूट फ़ूट हो गयी है दिल में…
उसे अब दुरुस्त करवाने का मन नहीं है…

ये जो ज़रा सा खालीपन है इस भरे भरे दिल में…
उसे अब किसी तरह भरवाने का मन नहीं है… 

दुआएं तो मेरी बिन मांगे कबूल होती हैं…
बस ये ख्वाहिश पूरी करवाने का मन नहीं है…

प्यारी लगे है मुझे खट्टी मीठी ज़िन्दगी मेरी…
किस्मत में और कुछ सुधरवाने का मन नहीं है…

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