Wednesday 1 May 2013

मुश्किलें धोखा देने की..



अपनी मुश्किलें 
होती हैं
धोखा देने की..

किसे दूँ? 
ज़माने को, 
तुम्हें, 
या अपने आप को?

मैं ज़माने को चुनती हूँ, 
क्योंकि, 
बाकि दोनों बातें, 
तो एक ही हैं..





Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...